ये मेरी है
आर्यन चैप्टर 6
अब तक आपने पढ़ा आर्यन जिनी को रूम से बाहर ना निकलने की धमकी देकर दूसरी लड़की के साथ दूसरे कमरे में चला जाता है । वही राजस्थान के गंगानगर मैं रणधीर रघुवीर को किसी लड़की को ढूंढने के लिए कहता है आरव के हाथ लगने से पहले
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अब आगे
रणधीर उस काल कोठारी में पड़े लोगों को देखकर तिरछी मुस्कान के साथ कहता है "क्यों अपनी जिंदगी को नर्क बनाना चाहते हो अभी भी कह रहा हूं वह वसीयत बदल दो"
तभी एक आदमी जिसकी उम्र 50 से 52 साल होगी वह रणधीर को घूरते हुए कहता है "तुम भी जानते हो रणधीर वह वसीयत बदली नहीं जा सकती क्योंकि अब वह जिनी के नाम है और जिनी मित्तल नहीं जिनी आरव खन्ना के नाम"
रणधीर उस आदमी को घूरते हुए कहता है "कर्मवीर मित्तल अपनी जिंदगी के 11 साल तूने इस कालकोठरी में बिता दिए लेकिन मजाल है जो मुंह खोला हो, अरे क्यों एक लड़की के पीछे अपनी उम्र खर्च कर रहा है"
तभी एक और आदमी जो लगभग कर्मवीर की उम्र का ही था रणधीर को घूरते हुए कहता है "वह कोई मामूली लड़की नहीं है रणधीर, वह इस राजघराने की राजकुमारी और श्लोक खन्ना की बहू है"
रणधीर हंसते हुए कहता है "वाह भाई तुम चारों की दोस्ती को मानना पड़ेगा, इतने सालों से तुम तीनों इस कालकोठरी में हो और एक की कोई खबर ही नहीं , फिर भी मजाल है मुंह को खोला हो"
तभी एक औरत जिसकी उम्र 45 से 50 की होगी वह रणधीर से पर्दा करते हुए कहती हैं "अपने ही भाई के साथ ऐसी नाइंसाफी करते हुए आपको शर्म नहीं आती , अगर यह वसीयत आपको ही मिलनी थी तो बापू सा ने आपके नाम की होती ना कि जिनी के नाम"
रणधीर उस औरत को घूरते हुए कहता है "तुम तो चुप ही रहो कौशल्या बहू ,सब तुम्हारी वजह से हुआ है अगर तुमने हमारी बात नहीं सुनी होती, तो आज तुम यहां नहीं होती"
तभी श्लोक कहता है "तुमने हमारी बीवी को मारकर सही नहीं किया रणधीर, जिस दिन हमें मौका मिला हम उस दिन तुमसे इस बात का बदला जरूर लेंगे"
रणधीर उसे घूरते हुए एक रहस्यमई मुस्कान के साथ कहता है "क्या बात है श्लोक मानना पड़ेगा बहुत जल्दी है अपनी बीवी को मारने की ,अच्छा छोड़ो तुम तीनों मजे करो यहाँ"
फिर थोड़ा अफसोस करने का नाटक करते हुए कहता है "लेकिन करोगे कैसे तुम दो और औरत एक, इस उम्र में दो मर्दो को... " वो अपनी बात अधूरी छोड़ देता है
उसका इतना कहना था कि श्लोक उसके कॉलर पकड़ते हुए कहता है "अपनी बकवास बंद करो रणधीर मित्तल वरना हम से बुरा कोई नहीं होगा" तभी कुछ गार्ड आते हैं और श्लोक को रणधीर से दूर करते हैं "
रणधीर हंसते हुए कहता है "क्यों बिना बात के जोर आजमा रहे हो श्लोक । हमने तो मना किया था जिनी की शादी अपने बेटे से मत करवाओ लेकिन तुम तो दोस्ती निभा रहे थे, अब निभाओ दोस्ती"
रणधीर को बात सुन श्लोक एक व्यंग भरी मुस्कान के साथ कहता है।
"तुझे क्या लगता है रणधीर ,हमने दोनो की शादी करवाई है, नहीं रणधीर ,नियति ने आरव को जिनी के लिए चुना है वर्ना तुम खुद सोचो एक 3 साल के बच्चे को क्या समझ होती है दुनियादारी की, अधिकार की, उस उम्र में उसने अपनी लड़खड़ाती जुबान में जिनी का हाथ थामते हुए कहा था ,ये मेरी है"
फिर लगभग चेतावनी देने वाले अंदाज़ में कहता है
"सोचो रणधीर 3 साल की उम्र का हक वो, 15 साल में कैसे नही निभाता, हमने तो उसे कहा भी था ,मत कर जिनी से शादी पता है उसने क्या कहा था"
फिर श्लोक मुस्कुराते हुए कहता है "पापा अगर मैने उसे छोड़ा तो उसे कोई और ले जाएगा , लेकिन वो मेरा जिन है उसे मैं रखूंगा किसी का नही होने दूंगा।"
फिर कुछ सोचते हुए कहता है "याद है वो दिन, नहीं रणधीर नहीं तुम्हे कैसे याद होगा लेकिन तुम फिकर मत करो चाहे जो हो जाए आरव खन्ना, मेरा बेटा एक दिन अपनी जिनी के साथ वापस आएगा , और उसका जिन पर अधिकार ही वजह बनेगी तुम्हारी इस सल्तनत के विनाश की"
रणधीर गुस्से में वहा से चला जाता है। करमवीर श्लोक से कहता है "तुम्हे क्या लगता है आरव ढूंढ पाएगा जिनी को"
श्लोक मुस्कुराते हुए कहता है "जिनी सिर्फ तुम्हारी बेटी नहीं है वीर वो जिन है उसकी याद है ना वो दिन तब सिर्फ 15 का था आज 27 का हो गया होगा मेरा बेटा"
फिर एक रेहस्यमयी मुस्कान के साथ कहता है "अब वक़्त आ गया है दोनों के वापस आने का बस कुछ दिन का इंतज़ार और"
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दिल्ली
जिनी उन दोनों को कमरे में जाते हुए देखती है ,उसको बुरा लग रहा था वह खुद से कहती है "आप क्यों मुझे समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं,
मैं वह नहीं करना चाहती थी मुझे मजबूर किया गया था "
और रोते हुए वही बेड पर लेट जाती है।
आर्यन रूम में आता है और उस लड़की को लगभग बेड पर पटक देता है और उसकी तरफ बढ़ जाता है ,लेकिन जाने क्यों आज वह किसी और के करीब नहीं जा पा रहा था। वह उस लड़की को कुछ देर देखता है
फिर जाकर सोफे पर लेट जाता है ,उसने सिर्फ अभी टॉवल लपेट रखी थी। वह लड़की हैरानी से आर्यन को देख रही थी, वह खुद आर्यन के पास आती है और उसके सीने पर हाथ रखते हुए कहती हैं
"क्या हुआ तुम्हारा मूड क्यों बदल गया ,आर्यन गुस्से में उठता है और उसे खुद से दूर करते हुए कहता है "मुझसे दूर रहो और चुपचाप जाकर बेड पर सो जाओ,
वो लड़की आर्यन का गुस्सा देख थोड़ा घबरा जाती है जल्दी से घर से निकल कर भाग जाती है
आर्यन उसी कमरे में बैठा रहता है उसकी आँखे नम थी लेकिन आज उसे एक सुकून सा मिल रहा था, उसे बुरा नहीं लग रहा था, उसे अच्छा लग रहा था वो सोफे से सर टिका लेता है और आपने बालों में हाथ फेरते हुए कहता है..
जीनी आरव खन्ना, उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है वो आँखे बंद करके सोचने लगता है 13 साल पहले......
कौन है रंधीर मित्तल और क्यों उसने उन लोगों को कालकोठरी मे बंद कर रखा है? क्या सच में श्लोक जी की बीवी मर चुकी है? क्या हुआ था 13 साल पहले? क्यों श्लोक जी आरव के लिए परेशान नही हैं?
जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी आर्यन इश्क़ की अनोखी दास्ताँ
......... वानी........
Gunjan Kamal
23-Apr-2023 07:46 PM
बेहतरीन भाग
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Swati chourasia
23-Apr-2023 08:26 AM
वाह कहानी बहुत ही रोचक होती जा रही है👌👌 आखिर कहाँ है आरव की माँ और ऐसा क्या हुआ था कि आरव जीनी से इतना नाराज़ है waiting for next part
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